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Home Blog मैं और मेरी किताबें

इस दुनिया में किताबें पढ़ने से बडा सुख शायद ही कोई हो। सच में किताबों से गुजरना दुनिया के श्रेष्ठ अनुभवों से गुजरने जैसा है। किताबें जीवन के विभिन्न चरणों में हमारी सर्वश्रेष्ठ मार्गदर्शक के रूप में साथ देती हैं। किताबों को सबसे अच्छा मित्र कहा जाता है। किताबें न सिर्फ हमें जानकारियां देती है बल्कि हमारे अतीत के चलचित्र से भी अवगत करवाती हैं। किताबें पढ़ने से हमारे व्यक्तित्व में गुणात्मक परिवर्तन आता है किताबें हमारे जीवन की सबसे अच्छी साथी होती हैं। जब भी हमें उनकी आवश्यकता होती है वे हमारे लिए उपलब्ध होती हैं। किताबें हमारी आसपास की दुनिया को समझने, सही और गलत के बीच निर्णय लेने में हमारी मदद करती हैं। वे हमारे आदर्श, मार्गदर्शक या सर्वकालिक शिक्षक के रूप में भी हमारे जीवन में शामिल होती हैं। हममें से कई लोगों को अपने खाली समय में या सोने से पहले किताबें पढ़ने की आदत होती है क्योंकि पढ़ने से अवांछित तनाव पर काबू पाने में भी मदद मिलती है। वे हमारे लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करती हैं साथ ही यथा समय लक्ष्य प्राप्ति में भी मददगार है। यह हमें एक अलग ही दुनिया में ले जाती है जिसे हम सुकून की दुनिया कह सकते हैं। लोगों के विपरीत किताबें कभी भी बदले में कुछ भी नहीं मांगती, बल्कि हमारे ज्ञान और रचनात्मकता को बढ़ाने में हमारी मदद करती हैं।

जीवन संघर्ष की एक अनूठी दास्तान होती है। किताब जीवन के हर मोड में संघर्ष की सच्ची साथी होती हैं। हर व्यक्ति को निश्चित रूप से किताबें पढ़ने की आदत डालनी चाहिए। किताबें सिर्फ प्रतियोगी जीवन की ही साथी नहीं है बल्कि यह जीवन के प्रत्येक पड़ाव पर हमारा मार्गदर्शन करती है। चूंकि छात्र जीवन का विकासशील चरण होता है, उन्हें अपने माता-पिता, शिक्षकों और बड़ों द्वारा अच्छी तरह से निर्देशित (गाइड) करने की भी आवश्यकता होती है। इसके साथ किताबें जीवन में निर्णय लेने की कला सिखाती है। आखिरकार हमारा जीवन हमारे निर्णयों का ही तो परिणाम होता है। इसलिए किताबें हमारी सहयात्री है। पढ़ना एकाग्रता को बढ़ाता है जिसकी जीवन में सबसे अधिक आवश्यकता होती है। रोजाना कुछ घंटों के लिए पढ़ना शब्दावली के साथ-साथ भाषा कौशल के निर्माण में भी मददगार साबित होता है। किताबें व्यक्ति को दुनिया के बारे में नई जानकारी, विचार और तथ्य प्राप्त करने में मदद करती हैं। किताबें पढ़ने से नेकदिल इंसान से लेकर नैतिकता अच्छे गुणों से समृद्ध समाज के अच्छे और जिम्मेदार नागरिक बनने हेतु प्रेरित करती है। मानव के व्यक्तित्व के विकास के लिए अध्ययन से श्रेष्ठ विकल्प कोई नहीं है। इसलिए किताबें मानव की सबसे अच्छी दोस्त हैं जो सदैव में सिर्फ परत दर परत जीवन के उतार-चढ़ाव से इसे परिचित कराती है बल्कि हर मुश्किल वक्त में एक दोस्त की भाँति मनुष्य का साथ देती है।

किताबें अक्सर शब्दा में कहती है आज की, कल की बीते जमानों की एक-एक पल की, हर पल की बात करती है।

दुनिया की, इंसानों की, कभी खुशी ता कभी गम की बात करती है।। कभी कलियों की कभी फूलों की, तो कभी फलो की बात करती है।

कभी रंगों की, कभी बमों के धमकों की बात करती है।।

कभी जीत की, कभी हार की कभी प्यार की, कभी मार बात करती है।

किताबें बहुत कुछ कहती हैं। किताबें बहुत सीखाती है।।

किताबें सच्चे व अच्छे दोस्त तरह सदैव पास रहना चाहती है. अवसर बच्चो की तरह आप का साथ चाहती है।।

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