जीवन में समय का महत्व

Dr. Shilpi Bhattacharya

जीवन में समय का महत्व समय जीवन का एक अनिवार्य तत्व है। समय हमारे दैनिक जीवन की समस्त गतिविधियों को व्यवस्थित करनेमेंमदद करता है।
सूर्योउदय सेसूर्यास्त सेतक एवंसूर्यास्त सेसूर्योउदय तक हमारे जीवन मेंसमय का विशेष महत्व है। सब ऋतुएँ समय पर निर्भर है। मानव जीवन को
समय सेमापा जाता है। सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी के एक चक्र को समय के रूप मेंजाना जाता है। समय के माध्यम सेहम सेकंड मिनट, घंटे, दिन, सप्ताह,
महीने, और वर्ष, उसके भागों को जानतेहैं और इन्हे समझनेवा जाननेमेंहर बार हमारी मदद करतेहैं । कालांतर अपनेआस-पास घटित होनेवाली
घटनाओं का इतिहास समय सेही ज्ञात होता है और यह इन घटनाओं के दस्तावेजीकरण मेंहमारी सहायता करता है। इतिहासकार किसी विशिष्ट घटना
का समय निर्धारित करनेके लिए समय पर भरोसा करते हैं। पुरावशेषों और कलाकृतियों की उम्र निर्धारित करनेमेंभी समय मायनेरखता है। समय ब्रह्मांड
की सबसेरहस्यमयी शक्तियों मेंसेएक है। समय हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण पू भूमिका निभाता है।
समय हमारी दैनिक गतिविधियों को संरचित और व्यवस्थित करनेकी एक अच्छी आदत बनानेमेंहमारी मदद करता है। यदि आप समय के मूल्य को
बेहतर ढंग सेसमझतेहैं, तो आप अनुभव प्राप्त कर सकतेहैं और समय के साथ कौशल विकसित कर सकतेहैं। समय सबसेमूल्यवान संसाधन है क्योंकिक्यों
आप इसेवापस नहीं लेसकते। समय शिक्षक और चिकित्सक दोनों के रूप मेंकार्यकरता है। समय हमेंजीवन का मूल्य सिखाता है और आपको जीवित
रहने मेंखुशी महसूस कराता है। समय एक ऐसी चीज है जिसेआप कभी वापस नहीं पा सकते। एक बार समय चला गया तो वह कभी वापस नहीं आएगा।
कोई नहीं जानता कि उनके पास कितना समय है। ब्रह्मांड मेंहर एक चीज समय सेबंधी है। कौशल विकास मेंसमय लगता है, आपके भविष्य का र्निधारण
इस बात पर निर्भरर्भ करता है कि आप समय कि
तना और कैसेनिवेश किया हैं। आपके द्वारा निवेश किए गए समय के कारण रिश्तेबनतेया टूटतेहैं। आप जितना समय निवेश करतेहैं, वह अक्सर एक
गहरे रिश्ते, वफादारी और एक उथलेरिश्तेके बीच मुख्य अंतर होता है। हर किसी के पास दिन के 24 घंटे समान होतेहैं, इसलिए कोई भी व्यक्ति उन
चीजों के लिए समय नहीं होने की शिकायत नहीं कर सकता है जो वह करना चाहता है। समय मूल्यवान हैं इसका उपयोग काफी सोच समझकर
समझदा री सेकरना चाहिये। कुछ लोग कहतेहै कि असंभव कुछ नही हैं मतलब सब संभव है, पर यहॉ वेलोग भी गलत है, क्योकि बीता समय कभी
लौटकर नही आता। डॉ.ए.राजशेखर प््रा ध्यापक एवं विभागाध्यक्ष भूगोल कलिंगा विश्वविध्यालय,नया रायपुर छग महत्वपूर्ण पू भूमिका निभाता है।

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